Friday, May 22, 2009

समर्पित


कुछ कमी ज़रूर होती
कुछ खालीपन सा होता
यूँ साथ सब तो होते
पर अपनापन होता

वो छोटी छोटी खुशियाँ
कुछ प्यारी सी वो यादें
वो पल जो हैं बिताये
ज़हन में समाये

उस दिन जो हम मिले थे
शुरुवात कुछ अजब थी
बिखरे हुए थे मोती
तुमने उसे पिरोया

बूंदे जो सब अलग थी
सागर सा बन के उभरा
चेहरे पे हर चमक थी
एहसास साथ का था

वो साथ मिल के हँसना
यूँ साथ मिल के रोना
वो प्रेम का समंदर
जिसमे हैं सब समाये

हो कशमकश में कोई
यूँ उलझनों में फंसके
तुम प्यार से उभारो
यूँ मुश्किलों में हंसके

हर पल यूँ मुस्कुराना
हर पल यूँ खिलखिलाना
तुम्हारी फ़िर वो बातें
और सब का गुदगुदाना

हो पीर जो समेटे
मुस्कान से छुपाके
कभी समय मिले तो
उसे दर किनार करना


डोर है बनी वो
हमको जो बाँध सकती
कोई कच्चा धागा
हमको समेट सकता

ये एहसास है हमारा
ये प्रेम है हमारा
यूँ दिल की हैं ये बातें
हर एक पल की यादें

शक्ति है बनी वो
इनको मिटा जो सकती
जिस नींव पर बनी है
दोस्ती हिला सकती

हो प्यार का समंदर
समृद्ध हो हमेशा
दुआ है मेरी तुम पे
हो हर खुशी की वर्षा

5 comments:

sunshine said...

it's too beautiful dolly........ each n every word seems to b completely dedicated to d person.. n all that is written is so true..

Unknown said...

stunnig yaar............maan gaye..........
dedicated to?

Anonymous said...

Thank You... for being there

Anonymous said...

hey these lines r really touching i really like it

Nighthawk said...

gud goin dolly... its really touching...beautiful :)